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Maharashtra News: उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका, शिंदे गुट ही असली शिवसेना, जानिए क्या क्या बोले महाराष्ट्र विधासभा स्पीकर…

Maharashtra New: महाराष्ट्र विधासभा के स्पीकर आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता मामले में फैसला सुनाया. बीते करीब 18 महीने पहले शिंदे समेत 39 विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के खिलाफ बगावत कर दी थी. जिसकी वजह से 57 साल पुरानी पार्टी शिवसेना में विभाजन हो गया और महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी. इसके बाद दोनों गुटों ने एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए याचिकाएं दायर की थीं.

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Maharashtra New: महाराष्ट्र विधासभा के स्पीकर आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता मामले में फैसला सुनाया. बीते करीब 18 महीने पहले शिंदे समेत 39 विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के खिलाफ बगावत कर दी थी. जिसकी वजह से 57 साल पुरानी पार्टी शिवसेना में विभाजन हो गया और महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी. इसके बाद दोनों गुटों ने एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए याचिकाएं दायर की थीं.

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) ने शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले में फैसला सुनाया. शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर का मानना ​​है कि “दोनों पार्टियों (शिवसेना के दो गुटों) द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए संविधान पर कोई आम सहमति नहीं है. नेतृत्व संरचना पर दोनों पार्टियों के विचार अलग-अलग हैं. एकमात्र पहलू बहुमत है.” विधायक दल. मुझे विवाद से पहले मौजूद नेतृत्व संरचना को ध्यान में रखते हुए प्रासंगिक संविधान तय करना होगा.”

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने आगे कहा कि, ”शिवसेना (ShivShena) के 2018 संशोधित संविधान को वैध नहीं माना जा सकता क्योंकि यह भारत के चुनाव आयोग (Election Commission) के रिकॉर्ड में नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार, मैं किसी अन्य कारक पर विचार नहीं कर सकता जिस पर संविधान वैध है. रिकॉर्ड के अनुसार, मैं वैध संविधान के रूप में शिव सेना के 1999 के संविधान पर भरोसा कर रहा हूं.”

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि, ”शीर्ष अदालत के अनुसार दोनों गुटों ने संविधान पार्टी के अलग-अलग संस्करण प्रस्तुत किए हैं, तो ऐसे में किस बात को ध्यान में रखा जाना चाहिए, जो संविधान दोनों की सहमति से ईसीआई को प्रस्तुत किया गया था प्रतिद्वंद्वी गुटों के उभरने से पहले पार्टियां आगे निष्कर्ष दर्ज करने से पहले यह दोहराना जरूरी है कि इस अयोग्यता की शुरुआत के अनुसार, महाराष्ट्र विधान सचिवालय ने 7 जून 2023 को एक पत्र लिखा था, जिसमें ईसीआई के कार्यालय से इसकी एक प्रति प्रदान करने का अनुरोध किया गया था। पार्टी संविधान/ज्ञापन/नियम.”

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर कहते हैं कि, “ईसीआई द्वारा प्रदान किया गया शिवसेना का संविधान यह निर्धारित करने के लिए शिवसेना का प्रासंगिक संविधान है कि कौन सा गुट वास्तविक राजनीतिक दल है.” महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर कहते हैं, ”मेरे सामने मौजूद सबूतों और रिकॉर्डों को देखते हुए, प्रथम दृष्टया संकेत मिलता है कि वर्ष 2013 के साथ-साथ वर्ष 2018 में भी कोई चुनाव नहीं हुआ था.

उन्होंने आगे कहा कि, हालांकि, मैं स्पीकर के रूप में 10वीं धारा के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग कर रहा हूं. अनुसूची का क्षेत्राधिकार सीमित है और यह वेबसाइट पर उपलब्ध ईसीआई के रिकॉर्ड से आगे नहीं जा सकता है और इसलिए मैंने प्रासंगिक नेतृत्व संरचना का निर्धारण करते समय इस पहलू पर विचार नहीं किया है. इस प्रकार, उपरोक्त निष्कर्षों को देखते हुए, मुझे लगता है कि शिव सेना की नेतृत्व संरचना परिलक्षित होती है ईसीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध दिनांक 27 फरवरी 2018 के पत्र में प्रासंगिक नेतृत्व संरचना है जिसे यह निर्धारित करने के उद्देश्य से ध्यान में रखा जाना चाहिए कि कौन सा गुट वास्तविक राजनीतिक दल है.”

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