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PM Modi ने अखिल भारतीय शिक्षा का उद्घाटन कर, कहा- ‘शिक्षा से ही बदलेगा देश का भाग्य’

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Inaugurating All India Education, PM Modi said- 'Education will change the fate of the country'

PM Modi Live: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के 3 साल पूरे होने के अवसर पर अखिल भारतीय शिक्षा सम्मेलन का उद्घाटन करने प्रगति मैदान के भारत मंडपम पहुंचे. ये शिक्षा ही है, जिसमें देश को सफल बनाने और देश का भाग्य बनाने की सर्वाधिक ताकत है. आज 21वीं सदी का भारत जिन लक्ष्यों को लेकर आगे बढ़ रहा है, उनमें हमारी शिक्षा व्यवस्था का भी बहुत ज्यादा महत्व है. विद्या के लिए विमर्श जरूरी होता है, शिक्षा के लिए संवाद जरूरी होता है. मुझे खुशी है कि अखिल भारतीय शिक्षा समागम के इस सत्र के जरिए हम विमर्श और विचार की अपनी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि, “इससे पहले ऐसा आयोजन काशी के नवनिर्मित रुद्राक्ष सभागृह में हुआ था. इस बार ये समागम दिल्ली के इस नवनिर्मित भारत मंडपम में हो रहा है और खुशी की बात यह है कि विधिवत रूप से भारत मंडपम के लोकार्पण के बाद ये पहला कार्यक्रम है. खुशी इसलिए और भी बढ़ जाती है कि पहला ही कार्यक्रम शिक्षा से जुड़ा है. काशी के रुद्राक्ष से लेकर इस आधुनिक भारत मंडपम तक अखिल भारतीय शिक्षा समागम की इस यात्रा में एक संदेश भी छिपा है. ये संदेश है प्राचीनता और आधुनिकता के संगम का. यानी एक ओर हमारी शिक्षा व्यवस्था भारत की प्राचीन परंपरा को सहज रही है वहीं आधुनिक साइंस और हाईटेक टेक्नोलॉजी के फील्ड में भी हम उतना ही तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.”

नरेंद्र मोदी ने कहा, ” आज हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के 3 साल भी पूरे हो रहे हैं. देश भर के बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों और अध्यापकों ने इसे एक मिशन के रूप में लिया और आगे भी बढ़ाया. मैं आज उन सभी का भी धन्यवाद करता हूं, उनका आभार प्रकट करता हूं. जब युग बदलने वाले परिवर्तन होते हैं, तो वो अपना समय लेते हैं. 3 साल पहले जब हमनें राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की थी, तो एक बहुत बड़ा कार्यक्षेत्र हमारे सामने था, लेकिन आप सभी ने NEP को लागू करने के लिए जो कर्तव्यभाव और समर्पण दिखाया, और खुले मन से नए विचारों और प्रयोगों को स्वीकार करने का साहस दिखाया ये वाकई अभिभूत करने वाला एवं नया विश्वास पैदा करने वाला है”

आने वाले सालों में ऊर्जा से भरी पीढ़ी करेंगे तैयार

पीएम मोदी ने कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में traditional knowledge systems से लेकर futuristic technology तक को बराबर अहमियत दी गई है. युवाओं को उनकी प्रतिभा की जगह उनकी भाषा के आधार पर जज किया जाना सबसे बड़ा अन्याय है. मातृभाषा में पढ़ाई होने से भारत के युवा टेलेंट के साथ अब असली न्याय की शुरुआत होने जा रही है।

आजादी के अमृत महोत्सव में, आने वाले 25 वर्षों में हमें ऊर्जा से भरी एक युवा पीढ़ी का निर्माण करना है –

  • जो गुलामी की मानसिकता से मुक्त हो.
  • जो नए-नए innovations के लिए लालायित हो.
  • जो साइंस से लेकर स्पोर्ट्स तक हर क्षेत्र में भारत का नाम आगे बढ़ाएं.
  • जो 21वीं सदी के भारत की आवश्यकताओं को समझते हुए अपना सामर्थ्य बढ़ाए.
  • जो कर्तव्य बोध से भरी हुई हो, अपने दायित्व को जानती और समझती हो.
    इसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति की बहुत बड़ी भूमिका है।

इस ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ में अगले 25 साल बहुत महत्व रखते हैं. इन आगामी वर्षों के दौरान, हमें ऊर्जा और जोश से भरी युवाओं की एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण करना होगा, एक ऐसी पीढ़ी जो दासता के मनोविज्ञान से मुक्त हो, एक ऐसी पीढ़ी जो नए से नए आविष्कारों के लिए उत्सुक हो, एक ऐसी पीढ़ी हो जो हर क्षेत्र में भारत को गौरवान्वित करे. विज्ञान से लेकर खेल तक, एक ऐसी पीढ़ी जिसमें 21वीं सदी के भारत की आवश्यकताओं को समझने की क्षमता हो और जिसमें कर्तव्य और जिम्मेदारी का पूरा एहसास हो! इसमें हमारी नई शिक्षा नीति की बहुत बड़ी भूमिका है. गौरतलब है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दुनिया में कई पैमाने हैं. लेकिन भारत के संदर्भ में हमारा सबसे बड़ा पैरामीटर समानता है.

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