Munawwar Rana: मशहूर शायर मुनव्वर राणा का इन लंबी बीमारी के चलते इस दुनिया को अलविदा कह दिया है. रविवार 14 जनवरी को देर रात दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई. राणा कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे.
जानकारी के मुताबिक मुनावर राणा 71 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्होंने लखनऊ में अंतिम सांस ली. मुनव्वर राणा को साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. हालांकि सरकार से नाराजगी जताते हुए उन्होंने अपना अवॉर्ड वापस करने का ऐलान किया था. मुनव्वर राणा लंबे समय से बीमार थे और बीते कुछ दिनों से लखनऊ के पीजीआई में भर्ती थे.
मुनव्वर राणा का जन्म
मुनव्वर राणा का जन्म 26 नवंबर 1952 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली, भारत में हुआ था. वह एक प्रसिद्ध उर्दू कवि हैं, जो अपनी विचारोत्तेजक और सामाजिक रूप से प्रासंगिक कविता के लिए जाने जाते हैं. राणा को उनके साहित्यिक योगदान के लिए पहचान मिली है और उर्दू कविता के क्षेत्र में उनके काम के लिए उन्हें विभिन्न पुरस्कार प्राप्त हुए हैं.
पढ़े मां पर कहें गए शायर मुनव्वर राणा के चुनिंदा शेर
वह कबूतर क्या उड़ा छप्पर अकेला हो गया
माँ के आँखें मूँदते ही घर अकेला हो गया
चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है
ज़रा सी बात है लेकिन हवा को कौन समझाये,
दिये से मेरी माँ मेरे लिए काजल बनाती है.
छू नहीं सकती मौत भी आसानी से इसको
यह बच्चा अभी माँ की दुआ ओढ़े हुए है
यूँ तो अब उसको सुझाई नहीं देता लेकिन
माँ अभी तक मेरे चेहरे को पढ़ा करती है