Shashi Tharoor on G20: देश की राजधानी दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन समाप्त हो चुका है इसको लेकर कांग्रेस के सांसद शशि थरूर में G20 की तारीफ की है लेकिन उन्होंने इसके बाद कई बयान ऐसे दिए है जिसमें देश की सियासत भी गरमा गई है.
जी-20 शिखर सम्मेलन पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि “समग्र राष्ट्रपति पद पिछले राष्ट्रपतियों से अलग रहा है और इसमें अच्छे और बुरे दोनों तत्व हैं. जी-20 शिखर सम्मेलन के साथ ही हमने दो बेहद निराशाजनक घटनाक्रम देखे एक शिखर सम्मेलन से सार्वजनिक हित का पूर्ण बहिष्कार था. उदाहरण के लिए, तीन दिनों के लिए दिल्ली का बंद होना दिहाड़ी मजदूरों और अन्य लोगों के लिए बड़ी कठिनाइयों का कारण बना जिनके पास उन दिनों के लिए कोई आय नहीं थी.
शशि थरूर ने कहा कि, शिखर सम्मेलन के संदर्भ में दूसरा नकारात्मक विपक्ष को समायोजित करने में पूरी तरह से विफलता थी…विपक्ष के नेता को आमंत्रित नहीं किया गया था। संसद के विपक्षी सदस्यों को आमंत्रित नहीं किया गया था, यहां तक कि विदेशी मामलों से निपटने वाली संबंधित संसदीय समितियों के सदस्यों को भी नहीं. किसी को भी आमंत्रित नहीं किया गया था कार्यक्रम, स्वागत समारोह, या रात्रिभोज… मैंने सोचा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था.”
जी-20 शिखर सम्मेलन पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि, “दिल्ली घोषणा निस्संदेह भारत के लिए एक कूटनीतिक जीत है. यह एक अच्छी उपलब्धि है क्योंकि जब तक जी-20 शिखर सम्मेलन बुलाया जा रहा था, तब तक व्यापक उम्मीद थी कि कोई समझौता नहीं होगा और इसलिए एक संयुक्त विज्ञप्ति संभव नहीं हो सकती है. हमें एक अध्यक्ष के सारांश के साथ समाप्त करना पड़ सकता है.
उन्होंने कहा कि इसका कारण, विशेष रूप से, मुख्य कारण उन लोगों और उन लोगों के बीच बड़ी खाई थी जो यूक्रेन में रूसी युद्ध की निंदा करना चाहते थे , रूस और चीन की तरह, जो उस विषय का कोई भी उल्लेख नहीं करना चाहते थे। भारत उस अंतर को पाटने का एक फार्मूला खोजने में सक्षम था.