Pakistan: पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. तोशाख़ाना केस में 3 साल की सजा सुनाने के बाद, जिसके परिणामस्वरूप अब वह अटक जेल में बंद हैं. उन्हें अब लाहौर के आतंकवाद-रोधी अदालत ने 9 मई को हुई हिंसा और जिन्ना हाउस अग्निकांड मामले में गिरफ्तार कर पूछताछ के आदेश दिए गए हैं.
9 मई को इमरान खान को अल-कादिर ट्रस्ट से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया गया था. इससे उनके समर्थक भड़क गए और उन्होंने लाहौर से लेकर कराची तक जमकर हिंसा की. हैरानी की बात यह थी कि समर्थकों ने सेना के प्रतिष्ठानों को भी नहीं बख्शा, बल्कि उनमें तोड़फोड़ और आगजनी की. पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के लाहौर में स्थित घर को भी आग के हवाले किया गया. इमरान के समर्थकों ने जिन्ना के लाहौर में स्थित उस घर को जिसे जलाया गया, उसे लाहौर कॉर्प्स कमांडर हाउस के रूप में जाना जाता है. कहा जा रहा है कि इमरान को जिन्ना के घर को जलाने की सजा देने की तैयारी शुरू हो चुकी है.
इस मामले को लाहौर में स्थित आतंकवाद-रोधी अदालत तक पहुंचाया गया था और अदालत ने लाहौर पुलिस को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेता इमरान खान को 9 मई को हुई हिंसा मामले में गिरफ्तार करने और पूछताछ करने की अनुमति दी. लाहौर पुलिस की याचिका का परिणामस्वरूप, आतंकवाद-रोधी अदालत के न्यायाधीश एजाज बटर ने इमरान को गिरफ्तार करने का आदेश दिया.
पुलिस ने याचिका में कहा कि जिन्ना हाउस में हुई आगजनी के केस में इमरान खान मास्टरमाइंड थे और इस वजह से मामले की जांच के लिए उन्हें गिरफ्तार करना आवश्यक है. पुलिस के मुताबिक, इमरान खान को गिरफ्तार करने और पूछताछ करने के लिए एक जांच दल को जल्दी से अटक जेल भेजा जाएगा. उनके साथ पूछताछ के बाद, पुलिस फिर अपनी रिपोर्ट को अदालत के सामने पेश करेगी.