Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 का दूसरा और आखिरी डीबूस्टिंग ऑपरेशन रविवार तड़के 1 बजकर 50 मिनट पर सफलतापूर्वक किया गया. इस ऑपरेशन के बाद लैंडर की चंद्रमा से कम से कम दूरी 25 km और अधिक से अधिक दूरी 134 किलोमीटर रह गई है. डीबूस्टिंग में स्पेसक्राफ्ट की स्पीड को धीमा किया जाता है.
इसरो ने ट्वीट कर बताया कि अब लैंडर की इंटरनल जांच होंगी और सूरज के उगने तक वह लैंडिंग साइट पर इंतजार करेगा. यहीं से ही 23 अगस्त को शाम 5:45 बजे सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश की जाएगी.
अगर उस दौरान लैंडिंग में समस्या आती है तो एक महीने बाद फिर कोशिश करनी होगी क्योंकि चंद्रयान-3 को अगली सुबह का इंतजार करना होगा, जो वहां 28 दिन बाद होगी.
इससे पहले शुक्रवार को, चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर एक महत्वपूर्ण डीबूस्टिंग प्रक्रिया से गुजरा और एक दिन पहले प्रोपल्शन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग होने के बाद थोड़ी निचली कक्षा में उतर गया.
इसरो ने कहा, “लैंडर मॉड्यूल (LM) का स्वास्थ्य सामान्य है. एलएम ने सफलतापूर्वक एक डीबूस्टिंग ऑपरेशन किया, जिससे इसकी कक्षा 113 किमी x 157 किमी तक कम हो गई. दूसरा डीबूस्टिंग ऑपरेशन 20 अगस्त, 2023 को लगभग 0200 बजे आईएसटी के लिए निर्धारित है.”
इस बीच, चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर का नाम विक्रम साराभाई (1919-1971) के नाम पर रखा गया है, जिन्हें व्यापक रूप से भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक माना जाता है.
इसरो चंद्रमा पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए प्रयास कर रहा है, जिससे भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा.