Chandrayaan 3: भारत का तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3 चंद्रमा के करीब पहुंचते हुए एक और कदम आगे बढ़ा बढ़ाया है. चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर अब 113 x 157 Km की कक्षा में पहुंच चुका है. यानी अब उसकी चंद्रमा से सबसे कम दूरी 113 Km और सबसे अधिक दूरी 157 Km है. इसरो ने डीबूस्टिंग के माध्यम चंद्रयान की कक्षा घटाई है. डीबूस्टिंग यानी स्पेसक्राफ्ट की रफ्तार को धीमी करना होता है.
लैंडर ने चंद्रमा की तस्वीरें खींची
इससे पहले 17 अगस्त को चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर-रोवर से अलग किया गया था. सेपरेशन के बाद लैंडर ने प्रोपल्शन मॉड्यूल से कहा- ‘थैक्स फॉर द राइड मेट’. इस दौरान लैंडर पर लगे कैमरे ने प्रोपल्शन मॉड्यूल की फोटो के साथ चंद्रमा की भी तस्वीरें खींची.
इंडियन स्पेस रिसर्च सेंटर (इसरो) के मुताबिक लैंडर 23 अगस्त शाम 6 बजे के आसपास चंद्रमा की सतह पर उतरेगा. लैंडर विक्रम और रोवर चांद के साउथ पोल पर लैंड करेंगे. अगर चंद्रमा-3 की सॉफ्ट लैंडिंग सफलतापूर्वक हो जाती है तो भारत, अमेरिका, रूस और चीन के बाद ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा.
बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा 14 जुलाई को चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किए हुए एक महीना और तीन दिन हो गए हैं. अंतरिक्ष यान को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था.